no congress alliance with west bengal
नमस्कार स्वागत है हमारे इस ब्लॉग पोस्ट में आज हम बार करने,राजनितिक जगत में हुए बड़े उल्ट फेर से कि हाल ही में लोक सभा चुनाव में लेफ्ट फ्रंट की करारी हार के बाद एक बड़ी खबर सामने आ रही है
लोकसभा चुनाव अपमानजनक प्रदर्शन के बाद, वह मोर्चा के दो दलों ऑल इंडिया फारवर्ड ब्लॉग (AIFB) और रिवॉल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी( RSP ) नेपाल जून को कहा कि वह भविष्य में वाम मोर्चा और कांग्रेस के बीच गठबंधन नहीं करेंगे
श्री चटर्जी ने कहा, बम मोर्चा और कांग्रेस के बीच सिम बंटवारे का फैसला CPI ने किया था, हमसे सलाह नहीं ली गई थी इसलिए इन सीटों पर हमारे अपने उम्मीदवार थे।वार्म मोर्चा राज्य में एक भी सीट जीतने में सफल रहा जबकि कांग्रेस को मालदा दक्षिण में एक सीट मिली। तृणमूल कांग्रेस ने 42 में से 29 सिटे जीती। वाम मोर्चा ने 33 सीटों पर लोकसभा चुनाव लड़ा, जबकी शेष निर्वाचन क्षेत्र में कांग्रेस की उम्मीदवार थे।
राजनीतिक इतिहास में कांग्रेस का इतिहास को जिम्मेदार ठहराते हुए श्री चटर्जी ने कहां कि हर के लिए राज्य में कांग्रेस का इतिहास भी अधिक जिम्मेदार है चटर्जी का कहना है कि अतीत में कांग्रेस ने जो बंगाल में किया उसका बोझ हम वामपंथी क्यों उठाएं? उनका कहना है यदि हम गठबंधन करते हैं तो हमें वह जिम्मेदारियां भी साझा करनी पड़ेगी। चटर्जी ने कहा कि उनका कांग्रेस के साथ सिम साझा करने का कोई इरादा नहीं है।
ऐतिहासिक रूप से देखा जाए तो पश्चिम बंगाल में वामपंथी और कांग्रेस हमेशा आमने-सामने रहे हैं कांग्रेस और वामपंथी के विचार और कदम अलग -अलग रहे हैं, चटर्जी ने कहा कि हम पूरे बम मोर्चा और विशेष रूप से CPI के साथ एक चर्चा करेंगे और कहेंगे यह गठबंधन नहीं चल सकता।
इसके विपरीत रिवॉल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी( RSP) किराए अलग थी आरएसपी के महासचिव मनोज भट्ट ने कहा, मैं इस कांग्रेस और वाम मोर्चा के बीच गठबंधन नहीं मानता उनका कहना है कि मैं परियों के बीच गठबंधन का विरोध नहीं करता लेकिन यह संयोजन ठीक नहीं है
इस महीने के अंत में वह वाम मोर्चा और अपनी सभी सहयोगियों के साथ बैठक करने वाला है और हार पर चर्चा करेगा और हार के पीछे छुपे मूल कर्म का विश्लेषण करेगी। AIFB और RSP दोनों ने यह बयान किया है कि उन्हें आने वाले भविष्य में कांग्रेस और फॉर्म दलों के बीच दोबारा गठबंधन नहीं करना है परंतु इस मामले में कोई ठोस लेने नहीं लिया गया है।