उत्तराखंड न्यूज़ नवरात्रि से एक दिन पहले गिरिजा देवी मंदिर स्थल पर हुआ अग्निकांड देखते ही देखते दो दर्जन से अधिक कच्ची दुकान में आज की चपेट में आ गई थी आंख के बड़े रौद्र रूप के आगे दुकानदार आशाएं हो गए थे और देखते ही देखते 35 से अधिक दुकान सामान सहित स्वाह हो गई. नुकसान देखकर कई दुकानदारों की आंखें भर आई.
गिरिजा मंदिर से सैकड़ो लोगों की रोजी-रोटी चलती है। दुकानों में नवरात्रि के लोगों ने उधर कर जाकर सामान भरा हुआ था परंतु नवरात्रि के एक दिन पहले ही गिरजा में अग्नि कांड हुआ जिसके दौरान अग्नि दुकानों को अपनी चपेट में ले लिया। आंख के बाद सामान के अवशेष देखकर कुछ महिला दुकानदार रोने लगी। गिरिजा देवी मंदिर परिसर में नदी तट पर प्रसाद एवं खाद्य पदार्थों की दुकान थी। मंगलवार से नवरात्रि शुरू हो रहे हैं ऐसे में दुकानदारों ने प्रसाद चुन्नी कोल्ड ड्रिंक पानी की बोतल खाद्य समान चिप्स मंदिर से संबंधित सामान भरा हुआ था। अग्निशमन विभाग द्वारा 8 से 10 लख रुपए के नुकसान का आकलन किया गया है।
आखिर गिरिजा मंदिर में कैसे लगी आग?
बताया जा रहा है कि मंदिर से अचानक एक जलती हुई धूप ऊपर से नीचे दुकान में गिरी। जिससे एक कच्ची दुकान ने पकड़ ली, क्योंकि दुकान एक दूसरे से सटी हुई थी तो ऐसे में सभी में आग लगती चली गई जब तक दुकानदार कुछ कर पाते तब तक अग्नि प्रचंड रूप धारण कर लिया था।
मंदिर में दर्शन के लिए आए श्रद्धालुओं में अपरा तफरी मच गई लोग अपनी जान बचाने के लिए सुरक्षित ठिकाने की ओर दौड़ने लगे दुकानों में रखे सिलेंडर को किसी तरह से लोगों ने बाहर निकाल। लोग अपना सामान बढ़ाने का भी मौका नहीं मिल पाया झोपड़ी में घास फूस वह सुखी लकड़ी है और तेज हवा ने आग में घी का काम किया जिससे आग बढ़ती चली गई आग का रूप इतना प्रचंड था कि धुएं का गुबार मंदिर से भी ऊंचा उठ गया था।
आग लगने के दौरान लोगों ने सेबुज का परिचय देते हुए बीच में एक झोपड़ी को खुद ही तोड़कर हटा दिया। जिसके फल स्वरुप आग फैलने से रुक गई.
कितना हुआ नुकसान?
गिरिजा देवी मंदिर में हुए अग्निकांड के दौरान 35 से 40 दुकानों को आग ने अपनी चपेट में ले लिया जिसके फल स्वरुप काफी नुकसान हुआ अग्निशमन विभाग द्वारा आकलन के अनुसार 8 से 10 लाख का नुकसान का अनुमान लगाया जा रहा है