Hookah Ban news
Hookah Ban : कर्नाटक सरकार ने हुक्के पर लगाई पाबंदी, आदेश तुरंत हुआ लागू अब नहीं चल पाएंगे हुक्का बार
Karnatak Hookah Ban news : कर्नाटक सरकार ने जारी किया एक नया आदेश इसके अंतर्गत कर्नाटक में हुक्का पीने पर प्रतिबंध लगा दिया है. इस आदेश के सामने आने पर कई प्रकार के सवाल उठ रहे हैं जैसे सरकार ने क्यों हुक्का पीने पर लगाया प्रतिबंध, क्या हुक्का पीना सेहत के लिए हानिकारक है?
कर्नाटक सरकार ने राज्य में हुक्का पर तत्काल प्रभाव से प्रतिबंध लगा दिया है। सरकार के फैसले के बाद अब राज्य में हुक्का बार नहीं चल पाएंगे। सरकार ने नागरिकों में बढ़ती हुक्का पीने की संख्या को देखते हुए। सरकार ने स्वास्थ्य की सुरक्षा और तंबाकू से संबंधित बीमारियों को रोकने को उद्देश्य से राज्य भर में सार्वजनिक स्थानों पर तंबाकू और गैर कानूनी का के उपयोग तथा बिक्री पर तत्काल प्रभाव से प्रतिबंध लगाया है। दिनेश गुंडू राव जो राज्य के स्वास्थ्य मंत्री हैं उनके द्वारा सरकार के फैसले का पता चला है। दिनेश गुंडू राव ने इस फैसले के बारे में बताते हुए कहा कि सरकार को लोगों के स्वास्थ्य की देखभाल करने और स्वास्थ्य खतरों को खत्म करने के लिए यह जिम्मेदारी की पुष्टि करनी होगी।
युवाओं में बढ़ रहा था हुक्के का सेवन
सरकार ने ओके पर पाबंदी के लिए कई सारे शोध का भी रेफरेंस दिया है। इसके अनुसार 45 मिनट का हुक्का लगभग 100 सिगरेट पीने के बराबर है। युवाओं में भी हुक्के की लोकप्रियता बढ़ती जा रही है, सरकार ने युवा पीढ़ी में हुक्के लत का विस्तार देखते हुए, हुक्के के उपयोग और उसकी बिक्री पर प्रतिबंध लगा दिया। सरकार नहीं है कार्यवाही इस विश्वास पर की है कि उन सभी जिम्मेदार नागरिकों का समर्थन मिलेगा जो स्वास्थ्य और कल्याण को चिंतित विषय मानते हैं। स्वास्थ्य मंत्री दिनेश राव ने कहा कि होटल, रेस्टोरेंट, पब, बार, कैफे,क्लब और अन्य प्रतिष्ठानों मे हुक्का (hookah bars ) के उपयोग, बिक्री और सेवा पर प्रतिबंध लगा दिया है। ताकि युवा पीढ़ी को तंबाकू जैसे हानिकारक पदार्थ से बचाया जा सके।
WHO ने जताई चिंता
कर्नाटक सरकार द्वारा की गई विश्व स्वास्थ्य संगठन(WHO) के टोबैको सर्वे 2016-17 के चिंताजनक आंकड़े सामने आए। इसमें बताया गया कि कर्नाटक में 22.8 प्रतिशत युवा तंबाकू का उपयोग करते हैं, इसमें 8.8% धूम्रपान भी करने वाले हैं।यह एक चिंता का विषय है।
हूक्के के क्या नुकसान है?
हुक्का कई दशकों से लोग पीते आ रहे हैं. ग्रामीण इलाकों में इसका चलन बहुत ज्यादा है, जहां लोग तंबाकू डालकर हुक्का पीते हैं लेकिन अब यह शहरों में भी बढ़ता जा रहा है इसकी काफी नुकसान भी है, डॉक्टर बताते हैं। कि हुक्के में भी सिगरेट की तरह निकोटीन और टार होता है, निकोटीन की वजह से ही लोगों में इसकी लत लगती है, यही कारण है हुक्का पीने वालों की संख्या बढ़ रही है
डॉक्टर का यह भी कहना है.कि यह सेहत पर बहुत अधिक नुकसान पहुंचते हैं। बहुत से लोग फ्लेवर वाला हुक्का पीते हैं और कहना है कि यह नुकसान नहीं देते। लेकिन फ्लेवर वाले हुक्के में भी चारकोल होता है इससे जो धुआं निकलता है वह फेफड़ों में जाता है, कैंसर का कारण बनता है।
Hookah Ban news
Reviewed by Nakul Pal
on
फ़रवरी 08, 2024
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